तेरे इश्क में मेरे प्रेम की, अमिट पहचान बनी रहे









मैं तुझसे इजहार करने से डरता हूँ,
क्यूंकि डरता हूँ तुझे खोने से |
कम से कम अभी इश्क का,
नशा ये अच्छा है तेरे गम में रोने से ||
मैं सोचकर खुश हूँ कि कही ,
अहसास होगा तेरे भी दिल में प्यार का |
इजहार करने से डरता हूँ,
कही हो न किसी और यार का ||
मैं इतने में ही खुश हूँ,
कि तेरी मुस्कान बनी रहे |
तू किसी और की भी तो क्या, 
पर मेरी रूहोजान बनी रहे ||
तेरी बस झलक यूँही ,
मिलती रहे उम्रभर |
तेरे इश्क में मेरे प्रेम की,
अमिट पहचान बनी रहे ||
#कौस्तुभत्रिपाठी 

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